111+ कार्यक्रम की शुरुआत के लिए शायरी – Manch Sanchalan Shayari in Hindi

नमस्कार दोस्तों, इस पोस्ट में मैं आपको कार्यक्रम की शुरुआत के लिए शायरी की पूरी एक लिस्ट दे रहा हूं। आपके भी स्कूल में या फिर किसी संस्थान में कोई प्रोग्राम है और उसमें अगर आप वक्त बने हैं जो भाषण देंगे तो आपको कार्यक्रम को या फिर अपना भाषण शुरू करने से पहले एक शायरी की जरूरत पड़ेगी। खास कर हम कोशिश करते हैं कि हम अपने भाषणों में शायरियों का भी प्रयोग करें जिससे सुनने वालों के अंदर एक अलग भावना उत्पन्न।

इन शादियों में मैं कोशिश की है कि मैं आपको कार्यक्रम से शुरू होने तथा कार्यक्रम के अंत साथ ही कार्यक्रम के मध्य में भी जो-जो शायरियां व्यक्ति प्रयोग करते हैं या फिर जो लोग सुनते हैं उनको अच्छी लगे उन सभी शायरियों को मैंने नीचे हर हेडिंग में दे दिया।

कार्यक्रम की शुरुआत के लिए शायरी

खुशियों की इस महफिल में, सबका है स्वागत,
कार्यक्रम की शुरुआत करते हैं, सब मिलकर ना हो कोई भेदभाव।

शब्दों की नहीं, आज जज़्बातों की ज़रूरत है,
इस मंच को अब आपकी बातों की ज़रूरत है।
आइए शुरुआत करें आज के इस समारोह की,
जहाँ हर लम्हा खास और हर बात यादगार होगी।

हर दिल में हो उम्मीदों की चमक,
हर चेहरे पे हो मुस्कान की झलक।
आज के इस मंच से कुछ ऐसा रंग बिखेरे हम,
कि हर श्रोता के दिल में उतर जाए हर एक पल।

Manch Sanchalan Shayari 1

सितारों से रोशन हो आज की ये शाम,
हर पल में हो खुशियों का पैगाम।
तो आइए, शुरू करते हैं ये सुहाना सफर,
जहाँ मिले ज्ञान, मनोरंजन और संस्कारों का असर।

मन की बातें हो जाएं, फिजा में महक बिखर जाए,
कार्यक्रम की शुरुआत एक नई राह दिखाए।

दिल दिल में बसते हैं, गले मिलते हैं यार,
कार्यक्रम की शुरुआत हो, सबको लग जाए प्यार!

ना वक़्त की बंदिश, ना लफ्ज़ों की कमी होगी,
आज के इस मंच पर हर बात कुछ नई होगी।
तो तालियों के संग स्वागत कीजिए,
एक शानदार कार्यक्रम की अब शुरुआत होगी।

दुआओं की बारिश में, ख्वाबों की महक हो,
कार्यक्रम की शुरुआत हो, सबके दिलों के साथ हो।

सपनों की दुनिया में, हम सब खो जाएं,
कार्यक्रम की इस बेला में, खुशियों से भर जाएं।

स्वतंत्रता दिवस पर मंच संचालन शुरुआत के लिए शायरी

इस वर्ष 15 अगस्त 2025 को अगर आप भी अपने तरफ से भाषण दे रहे हैं तो आपको यह सभी स्वतंत्रता दिवस पर मांक संचालन के लिए जो शायरियां मैंने दी है उनका प्रयोग आप जरूर करें। इससे लोगों के अंदर देश के प्रति प्रेम बढ़ेगा और साथ में एक अलग आज दिल में जगह ही देश की भावना के लिए प्रदेश के वीर सपूतों और सैनिकों के लिए। 

लहराए तिरंगा हर साँस के साथ,
यही तो है आज़ादी की असली बात।
आइए इस गर्व के पर्व की करें शुरुआत,
जहाँ हो देशभक्ति, सम्मान और सौगात।

आज का दिन है कुछ ख़ास,
हर ओर है देशभक्ति का एहसास।
झुके न कभी ये तिरंगा हमारा,
शुरू हो कार्यक्रम, यही है नारा।

हिन्दुस्तान की मिट्टी से खुशबू वतन की आती है,
हर बूंद में रंग शहादत की बरसात लाती है।
आजादी का ये दिन है वीरों के नाम,
आइए शुरू करें ये कार्यक्रम बड़े ही शान के साथ।

तिरंगे में है शान हमारी,
वतन से है पहचान हमारी।
इस मंच पर करते हैं शुरुआत,
देशभक्ति से हो हर बात।

देश के रंग में रंगी ये सुभह सुहानी है,
शहीदों की कुर्बानी ही हमारी कहानी है।
Independence Day की इस पावन घड़ी में,
शुरू करते हैं कार्यक्रम कुछ गर्व भरी वाणी से।

नमन है उन शहीदों को, जिनकी बदौलत ये दिन आया,
कुर्बानियों से जिसकी धरती ने गर्व का रंग पाया।
आइए मिलकर करें इस आजादी का सम्मान,
शुरू करें कार्यक्रम, देश के नाम।

तिरंगे की आन-बान और शान का उत्सव है,
हर भारतीय के गर्व का यह पर्व है।
स्वतंत्रता दिवस की इस पावन बेला में,
शुभारंभ करते हैं कार्यक्रम हम अलबेला में।

यह आज़ादी यूँ ही नहीं मिली हवाओं में,
बहा है लहू जवानों का इन फिजाओं में।
इस गौरवपूर्ण दिन की शुरुआत करते हैं,
शब्दों से देशभक्ति की बात करते हैं।

सजा है मंच, लहराया तिरंगा प्यारा,
हर दिल में आज है हिंदुस्तान हमारा।
तो आइए इस गर्व के पर्व को करें शुरू,
जय हिंद के नारों से भर जाए हर रुह।

शब्द नहीं, जज़्बातों से बोलेंगे आज,
देशभक्ति के गीतों से खोलेंगे आज।
शुरुआत हो इस आज़ादी के जश्न की कुछ इस तरह,
कि हर श्रोता कहे – वन्दे मातरम् बारम्बार।

गणतंत्र दिवस पर मंच संचालन शुरुआत के लिए शायरी

karyakram ki shuruat ke liye shayari 1

“गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं! आज हमारा देश स्वतंत्रता और लोकतंत्र की जीत का जश्न मना रहा है। आइए हम इस दिन को मनाएं और अपने देश की तरक्की के लिए प्रयास करें।”

आजादी से जीना आसान होगा,
यहाँ हर जाति धर्म समान होगा,
सपना था कानून लिखने वालों का,
की हर भारतवासी इंसान होगा।

“आज हमारा देश गणतंत्र दिवस मना रहा है, एक दिन जब हमारे संविधान को लागू किया गया था। आइए हम इस दिन को मनाएं और अपने देश की स्वतंत्रता और लोकतंत्र की जीत का जश्न मनाएं।”

karyakram ki shuruat ke liye shayari

“आज हमारा देश गणतंत्र दिवस मना रहा है, एक दिन जब हमारे संविधान को लागू किया गया था। आइए हम इस दिन को मनाएं और अपने देश की स्वतंत्रता और लोकतंत्र की जीत का जश्न मनाएं।”

“आज हमारा देश गणतंत्र दिवस मना रहा है, एक दिन जब हमारे संविधान को लागू किया गया था। आइए हम इस दिन को मनाएं और अपने देश की स्वतंत्रता और लोकतंत्र की जीत का जश्न मनाएं।”

अपनी आजादी का सुनहरा इतिहास है,
इस भूमि पर हर जाति धर्म का वास है,
आओ मिलकर संप्रभुता का पर्व मनाएं,
गणतंत्र जन जन का अटूट विश्वास है।

“गणतंत्र दिवस पर हमें अपने देश की स्वतंत्रता और लोकतंत्र की जीत की याद दिलाई जाती है। आइए हम इस दिन को मनाएं और अपने देश की तरक्की के लिए प्रयास करें।”

Manch Sanchalan Shayari – मंच संचालन शायरी

अगर आप मंच के संचालक हैं और आपको अपने श्रोतागण को बीच-बीच में अच्छा फील करना है और साथ में उनको देश के प्रति जागृत रखना है तो आप इन शायरियों का प्रयोग कर सकते हैं जो आपके श्रोतागण को अच्छा लगेगा और वह अच्छे से लगन से आपकी बातें और अन्य भाषण को सुनेंगे।

खुदा ने ज़िंदगी दी है तो,
फिर किस बात का गम है,
और तालियां वो बजाओ जिनके,
हाथो में दम है।

Manch Sanchalan Shayari

मिलते तो बहुत लोग है ज़िन्दगी की राहों में,
मगर हर किसी में आप जैसी बात नहीं होती।

हमें भी आज ही करना था इंतिज़ार उस का,
उसे भी आज ही सब वादे भूल जाने थे।

तुम जो आए हो तो शक्ल-ए-दर-ओ-दीवार है और,
कितनी रंगीन मिरी शाम हुई जाती है।

क़दम क़दम पे बिछे हैं गुलाब पलकों के,
चले भी आओ कि हम इंतिज़ार करते हैं!

हर मायूस को हंसाने का,
कारोबार है अपना,
दिलो का दर्द खरीद लेते हैं,
बस यही रोजगार अपना।

कानो में खनकती है खूबसूरत बालियाँ,
मजा तब आती है जब बजती है महफ़िल में तालियां।

ये माना की जिंदगी की राह आसान नहीं,
पर मुस्कुराकर चलने में कोई नुकसान नहीं।

सुनता हूँ मैं कि आज वो तशरीफ़ लाएँगे,
अल्लाह सच करे कहीं झूटी ख़बर न हो।

पंख ही काफ़ी नहीं हैं आसमानों के लिए,
हौसला भी चाहिए ऊंची उड़ानो के लिए।

वो आए घर में हमारे ख़ुदा की क़ुदरत है कभी
हम उन को कभी अपने घर को देखते हैं।

दिल को सुकून मिलता हैं मुस्कुराने से,
महफ़िल में रौनक आती है दोस्तों के आने से।

तुम आ गए हो तो कुछ चाँदनी सी बातें हों,
ज़मीं पे चाँद कहाँ रोज़ रोज़ उतरता है।

कहते हैं कोई हिन्दू है तो,
कोई मुसलमान है,
लेकिन एक अच्छे कलाकार के लिए,
तालियां ही भगवान है।

मंजिले उन्हें मिलती है जिनके,
सपनो में जान होती है,
सिर्फ पंख होने से कुछ नहीं होता दोस्त,
हौसलों से उड़ान होती है।

आओ आज मुश्किलों को हराते हैं,
चलो आज दिन भर मुस्कुराते हैं।

शब्दों का वजन तो हमारे बोलने के भाव से पता चलता हैं,
वैसे तो, दीवारों पर भी “वेलकम” लिखा होता हैं।

शुरू हो चुकी है ये महफ़िल-ए-शायरी,
छुप गए ग़म, शुरू हुई ख़ुशी,
हमेशा मुस्कान रहे आपके चेहरे पर,
आईये स्वागत करते हैं आप सभी का इस मंच पर।

हमारी महफ़िल में लोग बिन बुलायें आते हैं,
क्योकि यहाँ स्वागत में फूल नहीं पलकें बिछाये जाते हैं।

धार्मिक मंच संचालन शायरी

“करुणा और दया के साथ हम अपने समाज को बेहतर बना सकते हैं।

ईश्वर की कृपा से हमें जीवन मिला है, आइए हम इसे सार्थक बनाएं।”

जो दिल से लगाता है जयकारा,
उसका दुःख हरते है प्रभु सारा,
और जो न बोले हरी का नाम कभी,
वो कैसे हो सकता है उनका प्यारा!

प्रभु तेरी भक्ति की मुझमें, थोड़ी आस जगा देना,
कर बैठु कुछ भूल अगर, उसको तुम भुला देना!

“सत्य और अहिंसा के मार्ग पर चलकर हम अपने जीवन को महान बना सकते हैं।”

नसीबो में होता है तब, ये घडी आती है,
प्रभु से मिलन की तब, ये कड़ी आती है!

अतिथि स्वागत मंच संचालन के लिए शायरी

वो आए घर में हमारे ख़ुदा की क़ुदरत है,
कभी हम उन को कभी अपने घर को देखते हैं।

तेरे होते हुए महफ़िल में जलाते हैं चिराग़,
लोग क्या सादा हैं सूरज को दिखाते हैं चिराग़।

चंदन की खुशबू चौखट पर बिछाते हैं,
पवित्र भाव से खुशी के दीप जलाते हैं,
मेरे अतिथि आए हैं आज भगवान बनकर,
हमारे भगवान हो ह्रदय से तिलक लगाते हैं!

बहुत शुक्रिया आपके आने का,
हमारी महफ़िल को सजाने का!

तुम जो आए हो तो,
शक्ल-ए-दर-ओ-दीवार है और,
कितनी रंगीन मिरी शाम हुई जाती है।

देर लगी आने में तुम को,
शुक्र है फिर भी आए तो,
आस ने दिल का साथ न छोड़ा,
वैसे हम घबराए तो।

हमारे कार्यक्रम की शान हो,
मेरे दिल की जान हो,
आ गये मेरे गरीब खाने,
मेरे बुरे वक़्त की आन हो!

देखो आ पहुँचे हैं कितने दोस्त पुराने से
पर महफ़िल की शान बढ़ गई आप के आने से!

तुम आ गए हो तो कुछ चाँदनी सी बातें हों,
ज़मीं पे चाँद कहाँ रोज़ रोज़ उतरता है।

हम जिन्हें बुलाते हैं,
वो बेहद खास होते हैं,
स्वागत है उनका,
जो हरदम दिल के पास रहते हैं!

आप आये तो जैसे बहार आई,
आप के आने से खुशिया हज़ार आई,
समझ ना आये स्वागत करु कैसे आपका,
ऐसी खुशी दिल के बागानो से बाहर आई!

वो आज आये हैं महफ़िल में चांदनी लेकर,
कि फिर रौशनी में नहाने की रात आयी।

स्कूल मंच संचालन शायरी

मंच की शोभा बढ़ाने आए हैं हम,
दिल से हर मेहमान को झुककर सलाम करते हैं हम।
कदम-कदम पर खुशी हो आज के इस आयोजन में,
हर लम्हा खास हो, यही दुआ करते हैं हम।

आज का दिन कुछ खास बने,
हर चेहरा यहाँ मुस्कराहट के पास बने।
शब्द कम पड़ जाएँ, पर भावना ना थमे,
ऐसा ये समारोह आज का उल्लास बने।

फूलों की खुशबू से महका चमन हो गया,
आपकी उपस्थिति से ये मंच रोशन हो गया।
दिल से करते हैं हम आपका स्वागत,
आप आए हमारे लिए सौभाग्य बन गया।

मेहमान बनके जो आए हैं यहाँ,
उनके लिए दिल से दुआएं हैं यहाँ।
हर लफ्ज़ में हो सम्मान का भाव,
आपका स्वागत है, ये है हमारा अभिवादन का भाव।

दीपक बन जलते हैं गुरु हर रात,
ज्ञान की रौशनी से करते हैं बात।
ऐसे गुरुओं को शत-शत नमन,
जिनसे जीवन में मिलती है सही दिशा और साथ।

हर लम्हा आप सबने बनाया खास,
हर पल में मिला हमें आप सबका साथ।
अब विदा लेने का आया है समय,
पर दिल में रहेंगी ये मीठी यादें हर बात।

कला का ये पिटारा, बच्चों का है जज़्बा,
मंच पर जो होंगे, वो ही हैं सच्चा,
प्रस्तुतियाँ होंगी, तालियों की गूंज होगी,
चलिए बनाएं आज की रात अनोखी।

आपकी मौजूदगी ने रंग भर दिए,
हमारे प्रयासों को भी पंख मिल गए।
धन्यवाद है दिल से आपका,
कि आपने इस आयोजन को सुंदर पल दिए।

अब विदा लेने का समय आ गया है पास,
पर दिलों में बसी रहेगी आज की मिठास।
फिर मिलेंगे नई उमंगों के साथ,
तब तक के लिए अलविदा दोस्तों के साथ।

कहानी आज की यहीं तक थी प्यारी,
मंच से उतरती है अब हमारी सवारी।
मिलेंगे फिर किसी नए आयोजन में,
नई ऊर्जा, नई सोच और नई तैयारी।

धन्यवाद कहने का है ये जब वक्त आया,
मंच पर सभी ने मिलकर किया है जो साया,
शिक्षा की ज्योति जलती रहे यूं ही सदा,
हम सब मिलकर करेंगे आगे इसी राह चलते रहना।

दिल की गहराइयों से करते हैं स्वागत,
आज के इस कार्यक्रम का है खास समय,
बच्चों की हंसी, शिक्षकों का प्यार,
चलिए मिलकर मनाएं ये अद्भुत त्योहार।

महिला संगीत कार्यक्रम की शुरुआत के लिए शायरी

जज्बातों की तासीर, लफ्ज़ों की नज़ाकत,
महिलाओं की आवाज़ में है, एक अद्भुत मासूमियत।
संगीत के सुरों से सजेगा यह शाम,
उदित होगा नया सूरज, जब गूंजेगा यह नाम।

इन बच्चों ने की है इस प्रोग्राम की दमदार शुरुआत,
हौसला बढेगा हमारा अगर मिलेगा यु ही तालियों का साथ!

हर लम्हा है एक गीत, हर कदम में है नृत्य,
जोश से भरी कार्यशाला, महिलाएं देंगी जज़्बात।
अपने साजिंदों के साथ, हर दिल में बसी दास्तान,
संगीत का ये महोत्सव, बनाएगा हमारी पहचान।

संगीत की ताल पर, हम सब मिलकर गाएंगे,
महिलाओं की आवाज़ को, हम यहाँ सम्मानित बनाएंगे।
एक नई सुबह का आगाज़, एक नई पहचान का सफर,
महिला संगीत कार्यक्रम, हमें देगा नया नजर।

महिला संगीत सन्ध्या की आयी है सुहानी शाम,
नाच गाने से मनाकर कर देते हैं दूल्हा दुल्हन के नाम!

सात सूरों का संगम संगीत को है बनाता,
दो दिलो का बंधन शादी को है रचाता,
कई परिवारों का मिलन महफ़िल को है सजाता,
बुजुर्गो का आशीर्वाद, खुशियों में चार चाँद लाता,
खुशियों में चार चाँद लाता!

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कार्यक्रम की शुरुआत के लिए शायरी जरूर देनी चाहिए जिससे भाषा की एक औपचारिक शुरुआत हुई मानी जाती है तथा श्रोतागण का मन भी लगा रहता है। अगर सो श्रोतागण ध्यान से आपकी बात नहीं सुनेंगे तो जो व्यक्ति भाषण दे रहा है या फिर अगर आप मंच संचालक हैं तो आपकी बातों को भी लोग ध्यान नहीं देंगे। लोगों का ध्यान अपने भाषण अपने बातों की ओर करने के लिए आपके बीच-बीच में कार्यक्रम के लिए शायरी जरूर देनी चाहिए।

मंच संचालक जब शायरी कहता है तो जो लोग कुछ उसे कार्यक्रम में आए होते हैं उनके मन में एक छाप रह जाती है उनके मन में एक याद रह जाती है कि वह किसी अच्छी जगह गए थे और आपकी शायरियां अगर उन्हें अच्छी लगी उनके दिलों को छुए तो वह उसको भी याद कर लेते हैं आपको भी साथ में. इस कारण के पूरी कोशिश रहे कि अगर आप मंत्र संचालक हैं तो आप अच्छे शायरियों का प्रयोग करें जो कि मैं इस पोस्ट में ऊपर आपको प्रदान की है.

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